भारतीय पत्रकार सुरक्षा मिशन (रजि०) यशस्वी मुख्यमंत्री को डॉ प्रभात कुमार के खिलाफ लखनऊ जाकर देगा ज्ञापन
जौनपुर -अमर शहीद उमानाथ सिंह जिला चिकित्सालय जौनपुर में कार्यरत डॉ० प्रभात कुमार के द्वारा अमन की शान के जिला संवाददाता दानिश इकबाल के साथ अभद्र व्यवहार करने को लेकर पत्रकारो में रोष व्याप्त है आपको बता दे की अमन की शान के जिला संवाददाता अपने परिवार के दो लोगों को लेकर डॉ० प्रभात कुमार को दिखाने के लिए सुबह 10:05 के समय जिला चिकित्सालय पहुंच गए थे काफी समय इंतजार करने के बाद वहां दूर दराज गांवों से आए हुए मरीज के द्वारा पूछा गया कि साहब डॉक्टर साहब कब आएंगे उन्हें एक ही जवाब मिलता था कि बस आ रहे हैं जबकि उनके ओपीडी रूम में कोई भी प्राइवेट व्यक्ति नहीं बैठा था जो इन मरीजों को डॉक्टर प्रभात के बारे में सही जानकारी दे सकता तभी अमन की शान के जिला संवादाता दानिश इकबाल भी अपने परिजन को दिखाने के लिए डॉ० प्रभात कुमार के
ओपीडी कमरे पर पहुंचे उसे समय 10:05 बजे हुए थे उन्होंने काफी देर भी इंतजार किया लेकिन जब वह 10:30 के लगभग डॉ० प्रभात कुमार नहीं आए तो उन्होंने अपना मोबाइल निकाल करके गरीब परेशान मरीजों की वीडियो बनानी शुरू कर दी तभी डॉ० प्रभात कुमार वहां पहुंच गए और यह देखते हुए आग बबूला हो गए और पत्रकार से हाथापाई करने लगे और खींचते हुए सीएमएस रूम तक ले जाने लगे यहां की उत्तर प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री द्वारा का बताया गया है कि भारत के चौथे स्तंभ की कलम रुकनी नहीं चाहिए अगर कोई रोकने की कोशिश करता है तो उसे के साथ कब सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी लेकिन यहां जिला चिकित्सालय जौनपुर में डॉ० कभी भी अपने समय से ओपीडी रूम में नहीं बैठते हैं पूछने पर यही कहा जाता है कि वह राउंड पर हैं लेकिन ऐसा नहीं है की सभी डॉक्टर ओपीडी रूम छोड़कर एक साथ राउंड पर हो यह गलत है,ओपीडी के नाम इस पर पर्दा डालने की कोशिश की जा रही है बल्कि सही यह है कि यह डॉ० खुद घर ही देर से आते हैं और दूर दराज गांवों से आने वाले मरीज डॉ० साहब का इंतजार करके थक हार कर बिना दिखाएं घर वापस चले जाते हैं !
खैर कुछ भी हो यह है उनकी कार्यशैली लेकिन एक सम्मानित अखबार के जिला संवाददाता के साथ ऐसा व्यवहार भारतीय पत्रकार सुरक्षा मिशन (रजि०) बर्दाश्त नहीं करेगी इसके लिए चाहे यशस्वी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को मिलकर डॉ० प्रभात कुमार के खिलाफ ज्ञापन सौंप कर उन पर कार्रवाई करने की संस्था मांग करेगी !
वहीं दूसरी तरफ देखा जाए तो जिला चिकित्सालय अब कुछ तथाकथित पत्रकारों का दलाली करने का अड्डा बन गया है सुबह होते ही वह अपनी ड्यूटी पर आ जाते हैं और शाम होते हुए 1000, 2000 कमा कर घर चले जाते हैं, यह उनकी दिनचर्या में शामिल है क्योंकि यह डॉ० भी उन्हीं से घुले मिले हैं वह सोचते हैं कि कहीं मेरी खामियों की खबर ना छप जाए इसलिए वह उनको मिलकर रखते हैं !
जबकि जिला चिकित्सालय में अपने को तथाकथित पत्रकार खुले आम दलाली कर रहे हैं ! इनके बारे में पता करना हो तो जिला सूचना कार्यालय के सूचना अधिकारी सु० श्री मनोकामना राय जी से जानकारी ली जा सकती है !
दलालों का यह आलम है कि हर डॉ० यह कहने लगा है यह पत्रकारिता का दूसरा नाम दलाली है शर्म आती है ऐसे लोगों से जो पत्रकारिता की आड़ में दलाली करते हैं और उन्हें कोई रोक नहीं पाता वह अपने को एक सच्चे वरिष्ठ पत्रकार समझते हैं जिन्हें पत्रकारिता का ए.बी.सी.डी भी नहीं पता है लेकिन जो वास्तविक में पत्रकार बने हैं ! कर्मठ पत्रकारों के साथ डॉ० प्रभात कुमार के द्वारा अभद्र व्यवहार किया जाता है, इतना ही नहीं रात में जितने भी डॉक्टरों की ड्यूटी लगती है आप कभी भी देख लें वह सब आपको 12 बजे के बाद अपने रूम में सोते हुए ही मिलेंगे लेकिन हम पत्रकार भी कोशिश करते हैं कि ऐसा कुछ ना हो कि किसी के पेट पर लात मारी जा सके लेकिन यह डॉ० प्रभात जैसे लोग मजबूर कर देते हैं हम जैसे लोगों को ,जैसा कि हमारे पत्रकार साथी के साथ डॉ प्रभात ने दुर्व्यवहार किया इसका खामियाजा डॉ० प्रभात कुमार को भुगतना पड़ेगा चाहे वह मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर ही क्यों ना हो गये हो वह भुल चुके हैं कि हमारे और आपके जैसे ही पत्रकार साथियों ने अपने-अपने अखबारों और चैनलों पर उनकी न्यूज़ चलाकर वायरल किया जिससे आज डॉ० प्रभात कुमार इस मुकाम पर पहुंचे हैं कि पत्रकारों के साथ अभद्र व्यवहार कर सके !
अब पत्रकार के साथ न्याय होगा और कलम से, हम सब साथी मिलकर न्याय करायेगे, डॉ० प्रभात कुमार के इस दुस्साहस को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा !