दिनांक 21 जून दिन शुक्रवार हज़रत शेख़ मोहम्मद फ़ाज़िल शाह (र.अ.) का सालाना उर्स ए मुबारक़ अपनी पुरानी परंपराओं के मुताबिक मनाया गया। जिसमें सबसे पहले उर्स का आगाज़ बाद नमाज़ फज्र तिलावत-ए-क़ुरआन पाक से हुआ,बाद नमाज़ जुमा बाबा का लंगर चला,बाद नमाज़ असर जुलूस-ए-चादर,बाद नमाज़ मग़रिब बाबा की चादर चड़ाई गयी जिसमे हज़रत मौलाना शमसुद्दीन,हज़रत मौलाना कयामुद्दीन,हज़रत मौलाना नज़ीर,हज़रत मौलाना जावेद की जेरे क़यादत में चादर चढ़ाई गयी।
सबसे पहली चादर छत्तीसगढ़ कांकेर सैय्यद अजीज़ द्वारा चढ़ाई गयी दूसरी चादर इब्राहिम क़ुरैशी द्वारा चड़ाई गयी,बाबू क़ुरैशी द्वारा चड़ाई गयी,सगीर क़ुरैशी द्वारा चढ़ाई गयी,रफ़ीक़ मंसूरी द्वारा चड़ाई गयी,इरफान क़ुरैशी,अर्शी क़ुरैशी,संजीव यादव,विशाल खत्री,संजय जादवानी,नवीन वसगोती बच्चा राजू कव्वाल ने नज़राने अक़ीदत पेश किया बाद नमाज़ ईशा जलसा-ए-सीरतुन्नबी का आयोजन किया गया जलसे का आगाज़ तिलावत-ए-क़ुरआन से हुआ हाफ़िज़ व क़ारी अबुल हसन ने किया जलसे को ख़िताब हज़रत मौलाना रईसूल खैरी ने किया हज़रत मौलाना कयामुद्दीन,शमसुद्दीन,
निज़ामत मौलाना मैशर साहब ने किया अंत में मुल्क की अमन और शांति के लिए दुआ की गई।
इस अवसर पर मुख्य रूप से उपस्थित डॉ० शमीम,रहिमुल्लाह समानी,बिस्मिल्लाह वारसी,कमरुद्दीन खा,बबलू बाबा,कलीम बाबा,इस्माइल क़ुरैशी,बाबू क़ुरैशी,आरिफ क़ुरैशी,साहिल क़ुरैशी,एहतेशाम क़ुरैशी,अर्शी क़ुरैशी,इरफान क़ुरैशी,आदि लोग मौजूद थे।