जौनपुर:- रमज़ान के महीने में रोज़ा रखना एक अनिवार्य इबादत है जिसके असंख्य अजर व सवाब हैं। इस महीने की महत्ता का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अल्लाह ने इसमें पवित्र क़ुरआन नाज़िल किया। अजर व सवाब के साथ साथ रोज़ा रखने के चिकित्सीय फायदे बहुत हैं। और साथ ही रोज़ेदार को रोज़ा की हालत में इफ्तार और सहरी के दौरान किन चीजों का सेवन करना चाहिए और कौन सी चीजें सेहत के लिए खतरनाक और हानिकारक हैं। इस पर जाने-माने डॉक्टर और अल्फा हेल्थकेयर हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. मोहम्मद चांद बागवान ने खास बातचीत की है। डॉ. बागवान ने मरीज़ो और रोजेदारों को अपने अहम मशवरों से नवाज़ा है।
डॉ. मुहम्मद चांद बागवान ने कहा कि उपवास के कई चिकित्सीय लाभ हैं। आमतौर पर जो लोग मध्यम आहार का उपयोग करते हैं वे अपना वजन आसानी से कम कर सकते हैं जिससे उन्हें कई बीमारियों से छुटकारा मिल सकता है साथ ही जो लोग नशे के आदी हैं। वह भी इस बुरी आदत को आसानी से छोड़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग डरते हैं कि रोज़ा रखने से कमजोर हो जाएंगे ऐसा नहीं है अगर हम कैलोरी लेते हैं और अच्छा आहार लेते हैं तो कमजोरी पैदा नहीं होगी।
चांद बागवान ने कहा कि यदि रोज़ा खोलते समय प्यास की तीव्रता अधिक हो तो ठंडे पेय शर्बत, कैफीन युक्त पेय से बचना चाहिए और सामान्य तापमान वाले पानी का उपयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सहरी के समय कैफीन कंटेंट को छोड़कर हरी सब्जियां,दूध,दही के सेवन करें तो कच्ची डकार,गैस का बनना इससे सुरक्षित रहेंगे उन्होंने कहा कि धूम्रपान स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है यह हृदय,मस्तिष्क,गुर्दे को प्रभावित करता है उपवास एक अच्छा अवसर है। ऐसी बुरी आदतों से बचना चाहिए और उसे छोड़ देना चाहिए।
डॉ. चांद ने कहा कि डायबिटीज की बीमारी बहुत आम हो गई है और खासकर रमजान के मौके पर कई तरह की गाइडलाइंस आ गई हैं. डायबिटीज के कारण लोग रोजा नहीं रख पाते हैं। अगर रखते हैं तो उसके कारण दवा आगे पीछे करलेते हैं या दवा खा लेते हैं जिससे शुगर बहुत ज्यादा या बहुत कम हो जाती है,जिससे दिक्कतें पैदा होती हैं.शुगर के रोगी,इसलिए हम अपने शुगर के रोगियों को रमजान इफ्तार और सहरी में मार्गदर्शन करने के लिए एक डायड चार्ट प्रदान करते हैं। खाने का समय क्या है और उन्हें इफ्तार और रात के खाने के बीच के अंतराल को कम करना चाहिए और आखिरी समय में सहरी करना चाहिए और यदि शुगर के रोगियों को रोज़ा के दौरान बेहोशी,चक्कर आना,पसीना आना आदि हो तो उन्हें अपनी शुगर की जांच करानी चाहिए इससे रोज़ा नहीं टूटता है और अगर शुगर 70 से कम है तो उस समय कुछ खाना होता है और अगर 300 से ऊपर है तो डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
मुहम्मद चांद ने कहा कि खजूर खाने के कई फायदे हैं। खजूर में कार्बोहाइड्रेट,प्रोटीन,मिनरल्स, कैल्शियम होता है। खजूर का इस्तेमाल रमजान के साथ-साथ आम दिनों में भी करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर कोई मरीज रमजान के दौरान सलाह लेना चाहता है। सुबह दस बजे से शाम चार बजे तक और मगरिब की नमाज के बाद रात नौ बजे तक मैं अपने अस्पताल में मौजूद रहूंगा। अगर किसी को स्वास्थ्य संबंधी सलाह लेनी हो तो वह बिना किसी झिझक के आ सकता है उसकी पूरी पूरी मदद की जाएगी।