जौनपुर:- अमर शहीद उमानाथ सिंह जिला चिकित्सालय हमेशा चर्चाओं में बना रहता है कभी मरीज़ों के इलाज के दौरान लापरवाही प्रकाश में आती तो कभी चिकित्सक द्वारा बाहर की दवा लिख के कमिशन खोरी का खेल होता है तो कभी चर्चा ओ.टी कक्ष के बाहर मरीज के तीमारदारो से आशा द्वारा बेहतर उपचार के नाम पर पैसा लिया जाता तो कभी चिकित्सक द्वारा पाले गए दलाल ऑपरेशन के नाम पर तीमारदारों से मोटी रकम मांगते नज़र आते हैं। अगर मरीज के साथ आए तीमारदार डिमांड की गई राशि को नहीं दे पाते तो चिकित्सक द्वारा पाले गए दलाल मरीज को डराने धमकाने लगते हैं और मरीज के ऑपरेशन में टाल मटोल करते और धमकाते हुवें कहते कि तुम्हारा उपचार यहां नहीं हो पाएगा तुम्हें वाराणसी ट्रामा सेंटर के लिए भेजा जाएगा जहां पर 10000 से ज्यादा खर्च होगा तब तुमको समझ में आएगा इस बात पर मरीज के तीमारदार मजबूरन पैसा दे देते हैं।
ऐसी एक घटना सोमवार जिला चिकित्सालय के ऑपरेशन कक्ष के बाहर की है जहाँ थाना कोतवाली क्षेत्र की एक गरीब महिला बच्चेदानी का ऑपरेशन कराने गई जहाँ चिकित्सक द्वारा पाले गए दलाल संदीप कुमार ने मरीज के घर वालो से ऑपरेशन के नाम पर 3500 की डिमांड किया जिसपर गरीब मरीज के तीमारदार जैसे तैसे करके 2400 रूपए दिए और ऑपरेशन के लिए ओ.टी कक्ष में मरीज को भेज दिया कुछ समय बाद चिकित्सक द्वारा पाले गए दलाल ने 1100 रूपए की फिर मांग की और कहा जब तक पूरा पैसा नहीं जमा करते तब तक मरीज ओ.टी कक्ष से बाहर नहीं आएगा इस बात को लेकर मरीज के तीमारदारो ने जिला चिकित्सालय के ओ.टी कक्ष के बाहर बवाल खड़ा कर दिया
वहाँ मौजूद लोगो ने बताया की हर रोज़ यही खेल होता जब इस संबंध में जिले के पत्रकार द्वारा मुख्य चिकित्सा डॉ के.के राय से वर्जन मांगा तो इनकार करते हुवे सीएमएस डॉक्टर के.के राय पत्रकारों पर ही भड़क गए। अब सवाल इस बात का है कि एक तरफ केंद्र सरकार व प्रदेश सरकार गरीबों के लिए नई-नई योजनाएं लाती है और स्वास्थ्य विभाग कों चुस्त दुरुस्त करने में लगी है वहीँ अमर शहीद उमानाथ सिंह जिला चिकित्सालय सरकार की नीतियों और योजनाओं पर पानी फेरने का कार्य कर रहे हैं और अस्पताल में कुछ चिकित्सकों के रहमों करम पर दलाली का कार्य करके जेब तेजी से गर्म करने में लगे हैं जो अपने में चर्चा का विषय बना हुआ है।