नगरपालिका परिषद के उदासीन रवैये से जनता में रोष
जौनपुर। दो दशक बाद स्थानीय नगर पालिका परिषद पर भाजपा ने अपनी रणनीति व कड़ी मेहनत के दम पर अध्यक्ष पद पर कब्जा कर कमल का फूल खिलाया और पूर्व सभासद डॉक्टर रामसूरत मौर्या की पत्नी मनोरमा मौर्य अध्यक्ष बनी तो लोगों को लगा कि जिले में ट्रिपल इंजन की सरकार जनता के विकास कार्यों के साथ साथ साफ सफाई व अन्य कार्यों में तेजी दिखाई देगी पर लगता है कि इसका फायदा स्थानीय नगर पालिका के कर्मचारी उठाने में अब कामयाब हो रहे हैं। अध्यक्ष पद पर आसीन मनोरमा मौर्या व उनके प्रतिनिधि डॉ रामसूरत मौर्य की हनक तो दूर की बात है कर्मचारी उनकी बात को भी नजर अंदाज करने से बाज नहीं आते हैं। सर्दी का मौसम शुरू होते ही हल्की बारशि व काहरे ने आग में घी का काम उस समय किया जब नगर के 41 वार्डो में कूड़े के अंबार न हटाने से मच्छर के प्रकोप से जनता परेशान होने लगी। डेंगू जैसी जानलेवा बीमारी से लोग जूझ रहे हैं और पालिका कर्मचारी न तो मुहल्ले में कूड़ा कचरा हटा रहे हैं और न ही समय पर सफाई होते दिखाई पड़ रही है। साफ सफाई करने वाले कर्मचारी लापता रहते हैं और जब अध्यक्ष या उनके प्रतिनिधि को फोन किया जाता है तो उसे उठाते भी नहीं है। नगर के उर्दू बाजार, बलुआघाट, सिपाह, पुरानी बाजार, पानदरीबा, मुफ्तीमुहल्ला, कटघरा, चाचकपुर सहित अधिकांश मोहल्ले में हालात इतने खराब है कि लोग संक्रामक बीमारियों से जूझ रहे हैं। इस संबंध में जब संबंधित अधिकारी से वार्ता की गई तो बताया कि सफाई कर्मी कई बीमार चल रहे है जिसके चलते साफ-सफाई नहीं हो रही सवाल यह उठता है कि उन सफाई कर्मियों की जगह दूसरे की तैनाती क्यों नहीं की गई जिससे कि नगर में साफ सफाई हो सके। डेंगू ने जहां पांव पसार रखे हैं वहीं इसके चलते कई लोगों को अपनी जान भी गंवानी पड़ी है।