लखनऊ यूपी।
उत्तर प्रदेश की राजनिती में मुस्लिम यादव समीकरण के सहारे 4 बार सत्ता हासिल करने वाली समाजवादी पार्टी पर 2017 के बाद से ही मुस्लिम मुद्दों पर खुल कर बात न करने और मुंह चुराने के आरोप लगते रहे हैं,जबकि सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव बार बार पार्टी पर लगने वाले इन आरोपों को खारिज करते दिखाई दिये हैं लेकिन इस के बावजूद सपा में मौजूद कुछ नेताओं की बयानबाज़ी के चलते इन आरोपों को हवा मिलती रही है।
हाल ही में वरिष्ठ पत्रकार परवेज़ अहमद ने समाजवादी पार्टी के जनक नेता जी मुलायम सिंह यादव से जुड़ा एक किस्सा अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर राजनितिक गलियारों में हलचल मचा दी है,परवेज़ अहमद लिखते हैं कि जुमा का दिन था नेता जी विक्रमादित्य मार्ग पर राजनीतिक मंथन कर रहे थे, 15/16 मुस्लिम समाज के लोग आये, बात चलती रही...एक बजा. मौलाना हज़रात ने नेता जी से कहा-नमाज पढ़कर आते हैं नेता जी जुमा है ?
नेता जी बोले-जुमा नमाज,नमाज फिर अपने पीएस को बोले-दूसरा कमरा खोल दो, यही नमाज पढ़ लें ये लोग
वहां मौजूद एक नेता( जिन्हे सपा के मौजूदा निज़ाम ने विधाई कार्य का जिम्मा दिया है जो अब मुस्लिमों से जुड़े सवाल सदन में पूछने नहीं देते.
बोले-नेता जी घर में मुसलमानों को नमाज पढ़ने देंगे, बाहर भेजिए ?
नेता जी बोले- मुसलमान सपा का मूल है..जब 90% मुसलमान हमें वोट देता है तब 80% यादव वोट करता है
नेता जी ने कहा देखो-भालचंद्र यादव , बलेश्वर यादव , उमाकांत यादव , रमाकांत यादव आदि हमसे अलग लड़े तब यादव ने उन्हें वोट दे दिया
तुम भी मुस्लिम वोट से जीते.
परवेज़ अहमद ने अपने लेख में सपा नेता का नाम तो नहीं लिखा लेकिन इशारे इशारे में सपा में मौजूद मुस्लिम विरोधी चेहरों को बेनकाब ज़रूर कर दिया,वहीं इस पोस्ट के वायरल होने के बाद से ही सोशल मीडिया पर एक ज़ोरदार बहस छिड़ी हुवी है।