जौनपर:- नगर के मोहल्ला रौज़ा अर्ज़न शाही बड़ी मस्जिद के पीछे बीती रात को 28 मुहर्रम का ऐतिहासिक जुलूस ए चादर एवं जलसा ए सीरतुन्नबी के अवसर पर अंजुमन रहमानिया कलां के तत्वावधान में एक आल यूपी तरही नाअत ख़्वानी प्रोग्राम का आयोजन किया गया जिसमें कुल 29 अंजुमनों ने शिरकत किया प्रोग्राम की अध्यक्षता अब्दुल कलीम एडवोकेट ने किया।
सर्वप्रथम ईशा की नमाज़ के बाद शाही बड़ी मस्जिद के पूर्वी गेट से कमालुद्दीन अंसारी के नेतृत्व में हरी झंडी को दिखाकर जुलूस ए चादर को रवाना किया गया जिसमें फन ए सिपहगरी के अखाड़ों ने अपने फ़न का मुज़ाहिरा करते हुए क़दीमी रास्तों से होकर रौज़ा ईसा ताज र.अ तक पहुंचकर जलसों की शक्ल में तब्दील हो गए उसके बाद ऑल यूपी तरही नाअत ख़्वानी का सिलसिला आरंभ हुआ जिसके लिये शायर अकरम जौनपुरी ने 'इस्लाम की खातिर सर अपना शब्बीर कटाने आये हैं' मिसरा ए तरह दिया था जिसपर सभी अंजुमनों ने अपना अपना कलाम पेश किया। नाअत ख़्वानी में कुल 29 अंजुमनों ने भाग लिया सबसे पहले मेज़बान अंजुमन रहमानिया बड़ी मस्जिद ने कलाम पेश करके प्रोग्राम की शुरुआत की कलाम को जांचने और परखने के लिये जज बराय कलाम अहमद हनफ़ी बनारसी,जज बराय तरन्नुम हफ़ीज़ निज़ामी
जज बराय तलफ़्फ़ुज़ ताबिश अख्तर उपस्थित रहे।
नाअत ख़्वानी में स्थानीय अंजुमन में प्रथम पुरस्कार अंजुमन करामतिया मुल्ला टोला कलाम असीम मछलीशहरी,दृतिय पुरस्कार अंजुमन गुलामान ए मुस्तफ़ा इंद्रा मार्किट कलाम असीम मछलीशहरी,तृतीय पुरस्कार अंजुमन नामुस ए सहाबा मुफ़्ती मोहल्ला कलाम मास्टर तुफ़ैल एवं बाहरी अंजुमन में प्रथम स्थान अंजुमन शैदा ए रसूल टांडा कलाम अकरम जौनपुरी,दृतिय स्थान अंजुमन खादमान ए रसूल टांडा,अंजुमन चार यार इस्लाम फैज़ाबाद,तृतीय स्थान अंजुमन इस्लामिया मछली शहर कलाम अकरम जौनपुरी ने प्राप्त किया जिसमें स्थानीय अंजुमनों को अलमारी और बाहरी अंजुमनों को 6000,4000,2000 इनआम से पुरुस्कृत किया गया। भाग लेने वाली समस्त अंजुमनों को मसावी इनआम से नवाजा गया।
प्रोग्राम का संचालन मज़हर आसिफ़,यामीन सिद्दीक़ी,मास्टर शमीम,कमालुद्दीन अंसारी ने संयुक्त रूप से किया अंत में समस्त अंजुमन रहमानिया कलां के जनरल सेक्रेटरी वसीम अहमद इदरीसी ने सभी मेहमानों का शुक्रिया अदा किया। इस अवसर पर रौज़ा अर्ज़न के सभासद शाहनवाज़ मंज़ूर,आरिफ़ खान,अनवारुल हक़ गुड्डू,लाल मोहम्मद राईनी,मंगल सभासद उर्दू बाज़ार,शाहिद निज़ामी,फ़िरोज़ अहमद गाँधी समेत बड़ी संख्या में श्रोता उपस्थित रहे।