ईद उल अज़हा आपसी भाईचारा और सौहार्द का पर्व है:डॉ रेहान अख़्तर

जौनपुर नामा
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शीराज़ ए हिन्द जौनपर की गंगा जमुनी तहज़ीब पूरे मुल्क में है प्रसिद्ध: अज़मत अली खान

अजवद क़ासमी
जौनपुर:-अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ रेहान अख़्तर क़ासमी ने मुसलमानों को संदेश देते हुए कहा कि ईद उल अज़हा आपसी भाईचारा व सौहार्द का पर्व है इसे इस्लामी मान्यता के अनुसार शांतिपूर्ण ढंग से मनाना चाहिए उन्होंने मुसलमानों से अपील की कि इस बात का पूरा ख़्याल रखें कि हमारे किसी भी अमल से किसी भी समुदाय के लोगों की भावनाओं को ठेस न पहुंचे। ईद उल अज़हा का त्योहार इस्लाम धर्म का दूसरा सबसे बड़ा त्योहार है जो अल्लाह के नबी हज़रत इब्राहीम अ.स की सुन्नत पर अमल करते हुए पूरी दुनियां में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि पूरे दुनियां के मुसलमान अपने जानवरों की क़ुरबानी हज़रत इब्राहीम अ.स की याद में करते हैं उन्होंने कहा कि क़ुरबानी नाम है इंसान अपने अंदर की बीमारी को भी त्याग दे और अपनी हर चीज़ यहाँ तक कि अपनी जान व माल अल्लाह के रास्ते में अल्लाह के नाम पर कुर्बान करने के लिये तैयार हो जाये।

समाजवादी पार्टी के नवनिर्वाचित अल्पसंख्यक सभा के जिलाध्यक्ष अज़मत अली खान ने जनपद वासियों को ईद उल अज़हा की मुबारकबाद पेश करते हुए कहा कि हमारा ज़िला शीराज़ ए हिन्द जौनपुर हमेशा से गंगा जमुनी तहजीब पर अमल करने वाला शहर रहा है यहाँ हर कोई एक दूसरे का त्योहार आपस में मिलकर बड़ी मोहब्बत के साथ मनाते हैं और आपसी सौहार्द को क़याम रखते हैं ईद उल अज़हा के अवसर पर मैं जौनपुर की अवाम से अपील करता हूं कि अपने जानवरों की क़ुरबानी करके उसके अवशेष को पब्लिक स्थान पर न फेंके इसको दफ़न करदेना उचित है और खुले में क़ुरबानी करने से बचें नगर पालिका द्वारा निर्धारित कन्टेनर का उपयोग करें क़ुरबानी किये हुए जानवरों के साथ सेल्फ़ी लेकर सोशल मीडिया पर अपलोड करने से परहेज़ करें उन्होंने कहा कि इस बात का पूरा प्रयास करें कि हमारे शहर की गंगा जमुनी तहज़ीब हमेशा की तरह क़ायम व दायम और महफूज़ रहे।

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