उमानाथ सिंह चिकित्सा महाविद्यालय जौनपुर के लेक्चर हॉल में आज लू प्रबंधन के संबंध में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें चिकित्सा महाविद्यालय के सभी संकाय सदस्य सीनियर रेजिडेंट जूनियर रेजिडेंट छात्र एवं नर्सिंग व पैरामेडिकल स्टाफ ने सहभागिता किया। इस संगोष्ठी में आने वाले मई एवं जून के महीनों में मौसम विभाग नई दिल्ली द्वारा दी गयी हीटवेव की चेतावनी के संबंध में चिकित्सालय परिसर में एवं सामान्य जन समुदाय में लू से बचने के लिए एवं लू हो जाने पर प्रबंधन करने के संबंध में विस्तृत रूप से चर्चा की गई।
गोष्टी का उद्घाटन प्रधानाचार्य प्रोफेसर शिव कुमार ने किया उन्होंने कहा कि लू एक ऐसी समस्या है जिस से बचा जा सकता है एवं लू की चपेट में आने पर यदि इलाज तत्परता से एवं शीघ्र शुरू किया जाए तो रोगी ठीक हो सकता है,किंतु यदि रोग के उपचार में विलंब किया गया तो रोगी की जान भी जा सकती है। आज की गोष्टी में बाल रोग विभाग के विभागाध्यक्ष एवं सीएमई आयोजन इंचार्ज डॉक्टर एकांश राठौरिया एवं मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ विनोद कुमार ने लोगों को लू प्रकोप से बचने एवं उसके निदान के संबंध में विस्तार पूर्वक बताया। डॉ राठौर ने बताया कि लू से बचना उसके इलाज से बेहतर है। बच्चों एवं अधिक अधिक आयु के रोगियों में लू प्रकोप की चपेट में आने की संभावना अधिक होती है। इसलिए बच्चों एवं बुजुर्गों को लू से बचने की अधिक आवश्यकता है। उन्होंने बच्चों में लू प्रकोप के चपेट में आ जाने के बाद होने वाली समस्याओं के पैथॉफिजियोलॉजी के बारे में भी विस्तार पूर्वक चर्चा किया एवं उसके बाद हीटवेव मैनेजमेंट के संबंध में बच्चों में क्या करना चाहिए, इसके बारे में विस्तार पूर्वक बताया।