जौनपुर:- बज़्म ए कारवान ए अदब के तत्वावधान में रविवार की शाम में एक ग़ैर तरही काव्य गोष्ठी का आयोजन नगर के मोहल्ला शेख़ मुहामिद में स्थित अनवार मंज़िल में किया गया जिसकी अध्यक्षता शायर ज़िया जौनपुरी एवं संचालन की ज़िम्मेदारी शहज़ाद जौनपुरी ने अंजाम दिया। प्रोग्राम की शुरुआत शायर उलझन जौनपुरी ने अपना कलाम पेश करके किया। उसके बाद समस्त शायरों एवं कवियों ने अपनी अपनी रचनाओं को श्रोताओं के समक्ष प्रस्तुत किया जिससे श्रोता मंत्रमुग्ध हो गये और पूरा हाल वाह वाह के स्वर से गूँज उठा। इस अवसर पर अध्यक्षता कर रहे क़ारी ज़िया जौनपुरी ने अपने उद्बोधन में कहा कि जौनपुर ने शेर व शायरी के मैदान में बहुत नाम कमाया है आज भी कुछ ऐसे लोग जीवित हैं जिनकी मेहनत से जौनपर की सदियों पुरानी विरासत ज़िंदा है।
चंद पंक्तियां निम्नलिखित हैं
तुम पास मेरे बैठो शरारत न करेंगे
है वक़्त बहुत कोई हरकत न करेंगे
कमल जौनपुरी
मैं उसको सोचता रहता हूँ लिखता रहता हूं
मेरी ग़ज़ल मेरी तख़्ईल हो गया है कोई
मज़हर आसिफ
हक़ गोई का क़याम है मेरी ज़बान पर
मेरे ख़िलाफ़ सारा जहाँ है हुआ करे
अहमद अज़ीज़ ग़ाज़ीपुरी
इस तरह बच सकेगी मेरी कश्ती ए हयात
जो है जहाँ जहाँ पे वहीं से दुआ करे
अनवारुल हक़ अनवार
ख़ालिक़ वो जिसने की है ये तख़लीक़ ए कायनात
हरदम ये दिल हमारा उसी की सना करे
गुमनाम जौनपुरी
पाये शिफ़ा मरीज़ ए मोहब्बत खुदा करे
जो भी जहाँ जहाँ है वहीँ से दुआ करे
निदा लारी कानपुरी
नादिम जौनपुरी,मोनिस जौनपुरी,क़ारी ज़िया जौनपुरी,प्रेम जौनपुरी,शहज़ाद जौनपुरी,अमृत प्रकाश जौनपुरी,धड़कन जौनपुरी,अंसार जौनपुरी,आशिक़ जौनपुरी,नातिक ग़ाज़ीपुरी ने भी अपनी अपनी रचनायें प्रस्तुत किया। अंत में बज़्म ए कारवान ए अदब के कन्वीनर कमल जौनपुरी ने सभी का शुक्रिया अदा किया। इस अवसर पर सगीर अहमद,साजिद अनवार,माजिद अनवार,हामिद अनवार,जमाल अहमद,अबुल ख़ैर,आदि उपस्थित रहे।