खेतासराय जौनपुर: स्थानीय थाना क्षेत्र के एक गांव में मुस्लिम महिला के साथ हुवे सामुहिक दुष्कर्म मामले में पुलिस का ढिल मुल रवैया अभी भी जारी है,आरोप है कि अदालत के आदेश के बाद एफआईआर तो दर्ज हुवी लेकिन अदालत में पीड़िता का बयान दर्ज होने के बाद भी सभी आरोपी पुलिस की गिरफ्त से न सिर्फ दूर हैं बल्कि आज़ाद घूम रहे हैं।
पूरा मामला 23 जनवरी का है जब खेतासराय थाना क्षेत्र में कस्बे से ही सटे एक गांव निवासिनी महिला ने अपने गांव के ही बादल,सत्या और हृदेश पर आरोप लगाया था कि पीड़िता का घर एकांत में होने की वजह से तीनों आरोपियों ने रात के समय घर से उठा ले गये और उसके साथ सामुहिक दुष्कर्म करने के बाद कहा कि क्षेत्र मे एक भी मुस्लिम को नहीं रहने देंगे,मामला जब मीडिया में पहुँचा तो जौनपुर पुलिस ने भी बिना मेडिकल जांच के ही सामुहिक दुष्कर्म के आरोप को न सिर्फ खारिज कर दिया बल्कि आरोपियों के समर्थन में ट्विटर पर एक अलग ही कहानी लिख डाली।
इंसाफ के लिये दर दर की ठोकरें खाने के बाद महिला ने 20 फरवरी को अदालत का दरवाज़ा खटखटाया और 156/3 के माध्यम से मुकदमा दर्ज कराने की मांग की जहाँ पर अदालत के आदेश के बाद भी पुलिस लेट लतीफी करते हुवे 3 मार्च को खेतासराय थाना में मामला दर्ज किया,लेकिन रिपोर्ट दर्ज होने के लगभग 15 दिन गुज़र जाने के बाद भी ब्लातकारी अभी भी न सिर्फ पुलिस की पहुंच से दूर हैं बल्कि समाज में आज़ाद घूम रहे हैं।
लेकिन सबसे बड़ा सवाल तो पुलिस पर है कि अपराध और अपराधियों की रोकथाम को लेकर बड़े बड़े दावे करने वाली पुलिस ने ब्लात्कार जैसे संगीन मामले को गम्भीरता से क्यूँ नही लिया और अदालत के आदेश के बावजूद इतना ढिल मुल रवैया क्यूँ अपनाया,फिलहाल पुलिस का यह रवैया क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।