अक़ीदत के साथ मनाया गया शेखू शाह का सालाना उर्स ए मुबारक

जौनपुर नामा
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जौनपुर:- हज़रत शेखू शाह बाबा का 43वां उर्स ए मुबारक बुधवार को बड़े ही अक़ीदत के साथ शाही पुल स्थित शेर मस्जिद में मनाया गया जहाँ उपस्थित हज़ारों लोगों ने शेखू शाह बाबा की मज़ार पर चादर पोशी व गुलपोशी करके मुल्क में अमन और शान्ति के लिए दुआएं मांगी। उर्स का शुभारंभ सुबह 7 बजे क़ुरआन ख़्वानी से हुआ उसके बाद नमाज़ ए ज़ोहर जलसा ए सीरतुन्नबी स.अ.व.एवं नातिया मुशायरा प्रोग्राम का आयोजन हुआ जिसकी शुरुआत मस्जिद के पेश इमाम क़ारी इश्तियाक़ अहमद ने तिलावत ए क़ुरआन से किया नातिया मुशायरा में शहर व जनपद के बाहर के शायरों व नात ख्वां ने नात ए नबी का नज़राना पेश करके लोगों को मनमुग्ध कर दिया। प्रोग्राम का संचालन नासिर जौनपुरी व यामीन सिद्दीकी ने संयुक्त रूप से किया।
जलसे को संबोधित करते हुए मौलाना अहमद रज़ा ने कहा कि हम सभी को नबी की सुन्नतों पर अमल करना ज़रूरी है तभी हम दोनों जहाँ की कामयाबी हासिल कर सकते हैं। उर्स कमेटी के अध्यक्ष व शेर मस्जिद के पेश इमाम क़ारी इश्तेयाक अहमद ने बताया कि शेखु शाह के दरबार में हर धर्म व मज़हब के लोग हाज़री देते थे और शिफ़ा पाते हैं उन्होंने बताया कि यहां उनको चाहने वाले सभी धर्मों के लोग शामिल होते हैं और अपनी अक़ीदत व मोहब्बत का नज़राना पेश करके अपनी मन्नतें और मुरादें माँगते हैं।
नातिया मुशायरा में प्रस्तुत की गईं कुछ पंक्तियां

नबी के पाक अतहर से लिपट कर
सितारे छू रहा हूँ आसमाँ से
अहमद हनीफ़ बनारस

पेश ए नज़र है गुंबद ए ख़िज़्रा रसूल का
बीमार इश्क़ अपनी दवा तक पहुंच गया
अकरम जौनपुरी

जहाँ देखो जिधर देखो जहाँ में
नबी के फ़ैज़ का दरिया रवां है
मोनिस जौनपुरी

रहमतों की बारिश का खूब सिलसिला होगा
बज़्म ए मुस्तफ़ा में जब ज़िक्र ए मुस्तफ़ा होगा
नासिर जौनपुरी

तेरी मीदहत का हक़ मुझसे भला कैसे अदा होगा
ख़ुदा ए पाक ने तुझपर सना के फूल बरसाये
मज़हर आसिफ

ज़िक्र ए रब्बुल आलमीन और विरद स अ व हफ़ीज़
खुशबुओं से भर गया दालान शेखू शाह का
अहमद हफ़ीज़ जौनपुरी

इसके अलावा आज़म मछली शहरी,अनवारुल हक़ अनवार जौनपुरी,क़ारी ज़िया जौनपुरी, कमल जौनपुरी,जुनैद क़ादरी,ताहिर गुफरान,शफ़ीक़ जौनपुरी,अहमद अज़ीज़ ने भी काव्य पाठ किया इस अवसर पर इरफ़ान जौनपुरी,शकील मंसूरी,मौलाना हफ़ीज़ जौनपुरी,मौलाना हनीफुल क़ादरी,असीम मछली शहरी,मौलाना कयामुद्दीन समेत भारी संख्या में अक़ीदत मंद उपस्थित रहे।

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