देश में राहुल गांधी की यात्रा विपक्षी एक जुटता में बनी है सहायक : सिराज मेंहदी
जौनपुर । राष्ट्रवादी कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष हाजी सिराज मेंहदी ने कहा कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा पूरे देश में अपना संदेश देने में कामयाब रही और विपक्षी एक जुटता में सहायक बनी है। हालांकि उत्तर प्रदेश में यात्रा बहुत कम स्थानों पर पहुंच सकी बावजूद इसके उनकी यात्रा में जिस तरह से विपक्ष एकजुट होकर उनका समर्थन कर रहा है उससे यह बात साबित हो गई कि 2024 के लोकसभा चुनाव में बदलाव जरूर होगा।
श्री मेंहदी यहाँ मंगलवार को शिया डिग्री कॉलेज में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे ।
उन्होंने कहा 2024 लोकसभा का चुनाव नजदीक है लेकिन लोग विकास के मुद्दे पर बात नहीं कर रहे है सत्ता पक्ष हो या विपक्ष उनको यह देखना चाहिए कि देश का विकास रुका हुआ है केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम की ही चर्चा हो रही है जबकि चाइना हमारे देश के अंदर दाखिल होकर जमीन कब्जा कर रहा है । बेरोजगारी चरम सीमा पर है ब्यूरोक्रेट्स की मनमानी चल रही है ऐसे में आवाम परेशान हैं उसकी तरफ नेताओं का ध्यान नहीं जा रहा है । श्री मेंहदी ने कहा कि पाकिस्तान से हमारी दुश्मनी जग जाहिर है उसे हम कई जंगो में हरा चुके है, ऐसे में इसपर चर्चा कर भाजपा मुद्दे को से डाईवर्ट कर रही है। बावजूद इसके बार-बार जब चुनाव आता है तो भाजपा के लोग इसको मुद्दा बनाकर लोगों का ध्यान भटकाने का काम करते हैं ।
आज किसान परेशान है लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही है हमारी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार के नेतृत्व में विपक्ष को एकजुट किया जा रहा है और कांग्रेस के बिना विपक्ष अधूरा रहेगा। ऐसे में कांग्रेस को इग्नोर नहीं किया जा सकता । सिराज मेंहदी ने कहा कि एक अच्छे लोकतंत्र के लिए मजबूत विपक्ष होना जरूरी है। यही लोहिया जी ने भी कहा करते थे। ऐसे में जरूरत है कि हम लोग भाजपा को रोकने के लिए उनके जो वादे हैं जो वह पूरा नहीं कर सके उसे लेकर जनता के बीच में जाएं और उस पर चर्चा करें। उन्होंने कहा कि कुछ राज्य के मुख्यमंत्री कांग्रेस को इग्नोर करने की बात कर रहे हैं उन्हें देश हित में यह बात समझनी चाहिए कि कांग्रेस देश की एक सबसे बड़ी पार्टी है और उसके बिना हम आगे नहीं बढ़ सकते।
राम चरित्र मानस को लेकर प्रदेश में चल रही बहस के सवाल पर श्री मेंहदी ने कहा राम चरित मानस को लेकर हमको कोई खास जानकारी नहीं है क्योंकि हम उसे पढ़े नहीं है। राम चरित मानस बहुत पुराना ग्रंथ है।हां एक बात जरूर है कि स्वामी प्रसाद मौर्य से पहले इस देश में बड़े बड़े विद्वान पैदा हुए किसी ने कोई अंगुली नहीं उठाया तो स्वामी प्रसाद मौर्य को इस मुद्दे को उठाने का क्या औचित्य था। इसी के साथ यह भी कहा कि भाजपा तो उकसाती है कि कोई ऐसे मुद्दे छेड़ दे लोग उसी में उलझे और विकास की बात न हो सके। अब स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक ईशू दे दिया अब इसी पर बहस जारी है।
उन्होंने कहा कि उन्हें असल मुद्दे बेरोजगारी शिक्षा मदरसों की जांच का मुद्दा उठाना चाहिए पर ऐसे मामले को उठाकर वह भाजपा को बैठे-बिठाए उसका एजेंडा दे देते हैं। ऐसे बयानों से उनको बचने की जरूरत है। सिराज मेंहदी ने कहा कि हम लोग एकजुट होकर 2024 में चुनाव लड़ेंगे और केंद्र की मोदी सरकार को उखाड़ फेंकने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे । इस मौके पर राष्ट्रीय सचिव मोहम्मद असलम मौजूद रहे।